TOP GUIDELINES OF SHIV CHALISA LYRICS

Top Guidelines Of Shiv Chalisa lyrics

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शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है.

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जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

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वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

त्रिपुरासुरेण सह युद्धं प्रारब्धम् ।

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

पार्थिव शिवलिंग पूजन सामग्री – पार्थिव शिवलिंग click here रुद्राभिषेक कैसे करते है

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